Truth of Gandhi Ji in Hindi ( Gandhi Jayanti Quotes, Biography, Facts

Why Gandhi ji Called Mahatma ?

आज हम लोग एक आजाद देश मै सांस लेते है। वो इसलिए 15 August 1947 को देश को आज़ादी मिली और इसी आज़ादी के लिए ही ना जाने कितने लोगो ने अपनी जान तक न्यौछावर कर दी जिनमे Bhagat Singh, Chandra Shekhar Azad, Sukhdev और ना जाने कितने लोग थे जिन्हे आज लोग पहचानते तक नही । हालाकि इस देश को आज़ादी दिलाने के लिए भी अलग अलग विचार धारा के लोग थे। जिनमे से एक तरफ तो वह लोग थे जो अपनी ताकत और हिंसा के दम पर छीनना चाहते थे और दूसरी तरफ शांती पूर्वक अहिंसा के मार्ग पर चलके आज़ादी लेना चाहते थे और इन्ही मै से थे हमारे Gandhi Jayanti Quotes.

जन्म और परिवार :

महात्मा गांधी का जन्म 2 October 1869 Porbandar Gujarat एक बनिया परिवार मै हुआ। उनके पिता का नाम KaramChand Gandhi और का नाम Putlibai था। उनके जन्म के कुछ साल बाद ही उनका परिवार Gujarat के राजकोट मै रहने लगे।

Gandhi Jayanti Quotes

Wishes for Mahatma Gandhi ji on his 152th Birth Anniversary – (Gandhi jayanti wishes, quotes )

शिक्षा :

उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा राजकोट से ही की थी। उन्होंने 9 साल की उम्र मै राजकोट मै ही किसी local स्कूल जाना शुरू किया। वहा से उन्होंने Basis of Arithmetic, History, Gujarati language और Geography सिखी। जब वह 11 साल के हुए तब उन्होंने राजकोट के Alfred High school मै जाना शुरू किया। 13 मै ही उनकी शादी उनसे एक साल बड़ी लड़की Kasturba से हो गई। और 15 साल की उम्र मै उनके पिता जी का निधन हो गया।

18 साल की उम्र में उन्होंने अपनी High school की पढ़ाई पूरी कर उन्होंने 1888 मै Samaldas College से अपनी graduation पूरी की।
उसके बाद वह London चले गए अपने law की पढाई करने। और 1891 मै अपनी पढ़ाई पूरी करके वह वापस India आ गए। लेकिन उन्हे वापस आकर भी नौकरी पाने के लिए बहुत धक्के खाने पड़े। 1893 मै जाके इनकी नौकरी Dada Abdullah & Company मै लगी। लेकिन इस नोकरी के लिए इन्हें South Africa जाना पड़ा।

दादा Abdullah ने गांधी की Train की First class मै टिकट कराई लेकिन जब वो South Africa के लिए वह ट्रेन में बैठकर जा रहे थे तब कुछ अंग्रेजों को बुरा लगा की कैसे ये Brown men first class मै travel कर रहा है तो कुछ अंग्रेजो ने गांधी के साथ हाथापाई कर उन्हें ट्रेन से बाहर निकाल दिया। उनके साथ ऐसी कई घटनाएं हुई उस समय लेकिन वह सहते रहे। क्युकी उन्होंने 1 साल का Contract ले रखा था।

Movements :

Civil Disobedience Movement :

Truth of Gandhi
civil disobedience movement

South Africa मै हुए भेजभाव को लेकर गांधी ने पहली बार Civil Disobedience Movement South Africa से शुरु किया। इसी वजह से पूरी दुनिया मै गांधी की पहचान मिल गई। इसके चलती ही गांधी जी को Gopal Krishna Gokhale ने भारत वापिस बुलाया। और कहा आप भारत आईए भारत मै यह movement lead कीजिए । 1915 मै गांधी जी वापस लोट। उस दिन को आज देश मै प्रवासी भारतीय दिवस के रूप मै मनाया जाता है।

Khilafat movement :

Turkey मै एक धर्मगुरु हुआ करते थे Khalifa उनको उनके धर्म के लोग बोहोत ऊंचा दर्जे देते थे। Turkey सरकार ने उन्हें उनके पद से हटा दिया जिसके कारण दुनिया भर के मुस्लिम लोगो ने एक movement start किया khilafat Movement. इसी movement मै गांधी भी शामिल हो गए। यह सोचकर की देश के मुसलमानों को अगर मुझे एक साथ लेना है तो उनका दिल जीतना पड़ेगा ।
उसी समय South India में मुसलमानों ने 1500 हिंदुओं की हत्या कर दी और 2000 हिंदुओ को जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन करवाया गया। यह सब पता लगने के बाद भी गांधी चुप रहा। क्योकि उन्हे मुसलमानों का दिल जीतना था।
आप हमें बताइये क्या Gandhi जी का उस समय ये करना सही था ??

Non – Cooperation Movement :

Truth of Gandhi
Non – Cooperation Movement

1920 के बाद इन्होंने एक असहयोग आंदोलन शुरू किया जिसमे उनका कहना था की आप अंग्रेजो का सहयोग न करे। जहां से अंग्रेज हमसे कमाते है उनको Avoid करे और स्वदेशी सामान कार्य मै लाए। सब कपड़े भारतीय होने चाहिए सारे School, College, अपना worker Strike बस अंग्रेजो के लिए काम मत करो बस इतना करने से अंग्रेज कमजोर पड़ जाएंगे । और यह movement काम भी किया अंग्रेज़ काफी परेशान थे इस movement के चलते। इस non cooperation movement मै उस समय Bhagat Singh, Subhash Chandra Bose , Chandra Shekhar Azad जैसे कई क्रांतिकारी उनके साथ खड़े थे। लेकिन उस Chori-Chora Incident के बाद British Government ने Marshall Law लगा दिया था। जिसमे था की जो भी जहा भी दिखे उसे मर्दों। तब गांधी जी ने Non cooperation movement वापस ले लिया। इससे काफी लोग गांधी की बात से सहमत नहीं थे।

Dandi March :

अंग्रेजो ने नमक पर 2400% tax बढ़ा दिया।इसका विरोध करने के लिए एक Dandi march के लिए उन्होंने 79 लोगो को select किया उनका इंटरव्यू लिया और पूछा आप हमारे साथ चलने के लिए तैयार है। अंग्रेज मरेंगे कुछ पता नहीं है जिंदा लौटेंगे की नहीं बहुत लंबा सफर है। वह 79 लोग मान गए साथ चलने के लिए।
यह दांडी मार्च 12 मार्च 1930 में शुरू हुई और 5 April तक चली जिसमें वह 358 km चले। और देखते ही देखते इनके साथ 3000 से ज्यादा लोग जुड़ गए।

Bhagat Singh vs Gandhi

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गाँधी जी vs भगत सिंह

जब Bhagat Singh को British Government ने पकड़ लिया गया और उनको फांसी की सजा सुनाई गई। तब Gandhi जी की meeting हुई Irwin Pac से । उसमे गांधी ने कहा जो लोग शांतिपूर्वक लड़ाई लड़ रहे है उनको तो आप न मारिए। ये बात सुनकर Irwin मान गए और बोले ठीक है लेकिन Bhagat Singh , Sukhdev ,Rajguru इन लोगो का क्या करे. Gandhi जी का जवाब था आपको जो सही लगे अप करें. गांधी जी ने एक बार भगत सिंह की फांसी रोकने की नही कहा। जबकि Irwin ने उनसे कहा की अप भगत सिंह से जाकर उनसे बात करिए और उन्हें समझाइए की अगली बार से अहिंसा न करे । हम उनकी फांसी माफ कर देंगे।
पर Gandhi जी ने कहा नही आप को जो सही लगे आप उनके साथ वैसे कीजिए। मैं इसमें कुछ नही कर सकता। ये मेरे उसूलों मै नही आता। इसी बात से Subhash Chandra Bose और भी देश के लोग बोहोत नाराज हुए लेकिन गांधी जी ने कोई Innitiative नही लिया।

गांधी जी का मानना था जो मेरे साथ हैं मेरे तरीके से चलेंगे मैं सिर्फ उसी को बचाहूंगा।
Either my way or High way.

और 23 march 1931 को भगत सिंह को फांसी दे दी गई। हालाकि यह हो सकता है की भगत सिंह को फांसी न दे कर उन्हे 5,10 साल की सजा दे देते।

Why Nehru in Place of Sardar Patel ?

Truth of Gandhi
Why Nehru in Place of Sardar Patel ?

जब British सरकार भारत छोड़ के जाने वाली थी तो उन्होंने गांधी से बोला आप अपनी एक सरकार बना लो। Election के लिए 15 Commitee थी जिन्होने अपने candidates दिए थे लेकीन जब Elections के Results आए तो Sardaar Patel जीते। फिर भी गांधी ने सरदार पटेल को माना कर दिया तुम प्रधान मंत्री नही बनोगे Prime minister Nehru बनेगा। जब लोगो ने पूछा अपने नेहरू को Prime minister क्यों बनाया जबकि Elections तो sardar Patel जीते थे । तो उनका जवाब था अगर मैं Nehru को Prime minister ना बनाता तो नेहरू नाराज हो जाता और Congress छोड़ देता। और कांग्रेस टूट गई तो अंग्रेज फिरसे हमपर राज न करने लगे।
जनता के खिलाफ जाकर गांधी ने नेहरू को Prime minister बनाया।

बिल्कुल ऐसे ही इन्होंने Subhash Chandra Bose को भी बाहर कर दीया था। Subhash Chandra Bose Elections लड़े थे Congress से Sitaramaiya के विपक्ष मै। और वह जीत भी गई Subhash Chandra Bose को 1580 seats मिली वही Pattabhi Sitaramayya  को 1375 votes मिले। गांधी ने अपनी पूरी जान लगा दी ये election जीतने के लिए पूरे देश मै प्रचार किए की सीतारामयैया मेरा आदमी है ये जीता तो सोचो मै जीता।
पर जनता जानती है कोन सही है कोन गलत। इसी के चलते Subhash Chandra Bose Election जीत गए। लेकिन गांधी ने Subhash Chandra Bose से कहा तुम ये election जीत तो गए हो लेकिन तुम इस पद से इस्तीफा देदो । और Subhash Chandra Bose ने बिना कोई सवाल किए इस्तीफा दे दिया और विदेश चले गए।

Partition :

Role of Gnadhi ji in partition of india pakistan
partition

जिन्ना – एक मुस्लिम Community के लीडर था जो Great Kolkata में दंगे करा चुका था 5000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके थे। कइयों को बेघर कर दिया गया। अपने पूर्वजों की तरह ।

जब भारत को आज़ादी मिल रही थी तब Jinna आगे आकर बोले हमे अलग पकिस्तान चाहिए। शुरू मै गांधी इसके विरुद्ध थे। उन्होंने mount betton को भी समझाया कि तुम independent कर दो बटवारे का हम देख लेंगे। पर mount betton नही माने। जिन्ना को समझाया अभी अलग कर लेते है बाद मै बटवारा कर लेंगे। पर वो भी नहीं माना तो गांधी परेशान हो गए । और अनशन पर बैठ गए। इसकी वजह से ही Partition करना पड़ा। इसके लिए उन्होंने कू शोर नहीं मचाया इसके लिए कोई लड़ाई नहीं लड़ी। क्युकी वह चाहते थे नेहरू को सत्ता मिल जाए इसलिए उन्होंने अलग करवाया

ऐसे ही कई सारे महान काम करके उनकी 30 January 1948 मैं नाथूराम गोडसे ने गोली मार उनकी हत्या कर दी। आज भी नाथूराम को कई लोग हथियार तो कई लोग उन्हें देशभक्त कहते है।

Nathuram Godse पर अलग अलग लोगो के अलग अलग विचार थे। जैसे की अंबेडकर जी कुछ का मानना कुछ और था तो गांधी वादियों का कुछ और।

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